Acharya Sanskritananda Hari Ji: Message in Sanskrit for the success of Vidya Bharati Utsav 2020 (My School, My Pride).
आचार्य संस्कृतानंद हरि जी : विद्या भारती उत्सव 2020( मेरा स्कूल, मेरा गौरव) की सफलता हेतु संस्कृत में सन्देश।
आजीवन संस्कृत सम्भाषण व्रत धारी
आचार्य संस्कृतानन्द हरि महाभाग(श्री उमेश्वर दयाल सिंह कौशल), वडोदरा गुजरात।
बाल्यकाल से ही जगद्गुरु शंकराचार्य श्री चंद्रशेखर सरस्वती जी सानिध्य में रह कर वेद, वेदांग का 20 वर्षों तक अध्ययन किया एवं देवभाषा संस्कृत की सेवा का व्रत धार लिया।
विश्व के कई संस्थानों में हिन्दू वैदिक संस्कृति का प्रचार प्रसार करते हुए ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में भी वैदिक संस्कृति पर सम्भाषण किया।
श्रेय और प्रेय से दूर निस्पृह सरल जीवन व्यतीत करते हुए देवभाषा संस्कृत की सेवा में आयु के 63 वर्ष में सतत संलग्न।
श्री संस्कृतानंद हरि जी श्री मद भगवदगीता विद्यालय कुरुक्षेत्र के 1971 बैच के पूर्व छात्र हैं।
आपके पिता जी स्व गुरुदयाल कौशल जी गीता विद्यालय कुरुक्षेत्र के सर्वप्रथम शिक्षक(1946 से) भी रहे ।